जीपी और 4 दिन रिमांड पर : ब्यूरो ने मांगी रिमांड तो जीपी ने कहा- जांच में सहयोग कर रहा हूं, जितने दिन की चाहें रिमांड ले लें

रायपुर.

आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे निलंबित एडीजी जीपी सिंह को एक बार फिर पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया. ईओडब्ल्यू ने दो दिन की पुलिस रिमांड पर पूरी होने के बाद उन्हें विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल की कोर्ट में फिर से पेश किया. ब्यूरो की तरफ से कहा गया कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. हमें 4 दिन की और रिमांड दी जाए.

ब्यूरो की टीम को जांच के दौरान जीपी सिंह के ठिकानों से कई नए दस्तावेज मिले. जीपी ने अपने रिकॉर्ड में बताया था कि शेयर बाजार में कमोडिटी और स्टॉक एक्सचेंज को लेकर उन्होंने निवेश किया है. इस निवेश के संबंध में जब शेयर बाजार में किए गए ट्रांजेक्शन के बारे में जांच की गई तो पता चला कि जो ट्रांजेक्शन दिखाया जा रहा है, वैसा कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ है. जो दस्तावेज दिखाए जा रहे हैं, उसे शेयर बाजार से जारी नहीं किया गया है. शेयर बाजार में निवेश से संबंधित दस्तावेज फर्जी निकले. इन दस्तावेजों के आधार पर जीपी के खिलाफ की गई एफआईआर में कूटरचना की धाराएं भी जोड़ी गई हैं. इन्हीं दस्तावेजों को लेकर जीपी से पूछताछ करनी है. इसके अलावा कई और निवेश के दस्तावेज फर्जी निकले. 

कोर्ट के अंदर ले जाए जाने के दौरान जीपी सिंह ने मीडिया से कहा कि नान घोटाले में उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी का नाम जोड़ने का दबाव बनाया गया था. उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसलिए उन पर ये कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले जीपी की तरफ से हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका में भी ऐसा आरोप वर्तमान सरकार पर लगाया गया था.

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