राजस्व शिविर : नामांतरण, बटवारा, जमीन विवाद समेत 91 आवेदन मिले.. 35 का तत्काल हुआ निराकरण..

बिलासपुर/

राजस्व प्रकरणों के निराकरण को लेकर ग्रामीणों को चक्कर न काटना पड़े इसके लिए जिला प्रशासन की पहल पर कोटा अनुविभाग के तहसील कोटा, रतनपुर एवं तहसील बेलगहना के विभिन्न गांव में राजस्व शिविर आयोजन किया।  जिसमें कुल 91 आवेदन प्राप्त हुए। 35 आवेदन का मौके में ही निराकरण किया गया तथा शेष आवेदनों का निराकरण एक सप्ताह के भीतर किए जाने का आश्वासन दिया गया। 

कलेक्टर बिलासपुर  के मार्गदर्शन में एसडीएम कोटा के नेतृत्व में 10 जून से 5 जुलाई तक कोटा अनुविभाग के तहसील कोटा, रतनपुर एवं तहसील बेलगहना के विभिन्न गांव में राजस्व से लगाकर राजस्व शिविर लगाकर विभिन्न राजस्व प्रकरण का निराकरण करने का कार्ययोजना तैयार की गई है। इसी तारतम्य में 10 जून को कोटा के सेमरिया गांव में बेलगाना के केंदा में एवं रतनपुर में राजस्व शिविर में ग्रामीणों से विभिन्न आवेदन प्राप्त किए गए एवं समस्याएं सुनकर तत्काल निराकरण किए गए उक्त उक्त शिविर में कुल 91 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 35 आवेदन का मौके में ही निराकरण किया गया  तथा शेष आवेदन को शीघ्र एक सप्ताह निराकृत किया जायेगा । 

शिविर में आज को तहसील बेलगहना के ग्राम आमागोहन, तहसील कोटा के तेंदुआ एवं तहसील रतनपुर के पुडू में राजस्व समाधान शिविर आयोजित किया गया उक्त शिविर तेंदुआ में कुल  नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख सुधार, आय, जाति, निवास के 33 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 08 आवेदन तत्काल निराकृत एवं 25 आवेदन लंबित, ग्राम आमागोहन में कुल 35 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 
 नामांतरण के एक मामले, आय, जाति, निवास के 08 मामले एवं आपसी जमीन विवाद के 05 मामले सुलझाए गए। इसी प्रकार ग्राम पुडु के शिविर में कुल 38 मामले प्राप्त हुए हैं जिसे जल्द ही सुलझाए जाएंगे। 

राजस्व शिविर में प्रमुख रूप से राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी, सरपंच, पंचायत सचिव, कोटवार  एवं क्षेत्र के तहसीलदार/नायब तहसीलदार स्वयं उपस्थित होकर जनता तक पहुंचकर उनके राजस्व संबंधी मामले को हल कर रहे हैं। कोटा अनुविभाग के एसडीएम युगल किशोर उर्वशा ने बताया की वे शिविर में औचक रूप से उपस्थित होकर ग्रामीणों की मांगों एवं समस्याओं को स्वर्ण सुन रहें है तथा राजस्व अमलों को कहा गया है कि शिविर में प्राप्त आवेदनों का निराकारण एक सप्ताह के भीतर कर लिया जाए। शिविर के दौरान कोटा अनुविभाग के एसडीएम   तहसीलदार/नायब तहसीलदार अस्पताल का निरीक्षण, पेयजल संबंधी व्यवस्था तथा राशन दुकानों को निरीक्षण कर रहे हैं। राजस्व शिवर में प्रमुख रूप से एसडीएम, तहसीलदार/नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी, सरपंच, सचिव एवं  कोटवार  जैसे अधिकारी कर्मचारी उपस्थित हो रहे।

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